क्या आप में से कोई कभी traffic में फसा हैं? कितनी frustration होति हैं नहीं? कितना ग़ुस्सा आता हैं। फसे रहने का ही नतीज़ा हित है ग़ुस्सा, नाराज़गी, मायूसी। धीमे धीमे हौले हौले ही क्यों ना हो हम आगे बढ़ते हैं ना तो उस गति में, उस movement में, उस तरक्की में एक समाधान का अनुभव, एक ख़ुशी का एहसा होता हैं।
अपने personal life में हो या रिश्ते में हो या नौकरी हो या business, career हो या हमारा अध्यात्मा.. हम एक ही जगह पर फँसे नहीं रहना चाहते। चाहें कोई भी क्षेत्र हो कोई भी field हो, हम सब अपनी ज़िंदगी में आगे बढ़ना चाहते है, सफलता की जानी दुश्मन है। इन ३ बातों को समझे और अपने दिमाग़ से, दिल से और ज़हेन से उखाड़ कर बाहर फेंक दे। तब होगी तरक्की, तब आएगी सफलता।
अरे लोग हमारे बारेमे क्या सोचते हैं ये भी अगर हम ही सोचेंगे तो फ़िर वो लोग क्या सोचेंगे? इसलिए कहते हैं ना
एक बार एक फलवाला बाज़ार में बैठ कर फल बेच रहा था | उसने अपने पीछे एक बोर्ड लगाया हुआ था जिसमे उसने चॉक से लिखा था “यहाँ ताज़े फ़ल बचे जाते है | ” एक गहराक ने उसे कहा “हमे मालूम है की तुम यहाँ बैठे हो वह नहीं | इसलिए इस वाक़्या से यहाँ शब्द मिटा दो |” फलवाले ने यहाँ शब्द मिटा दिया, और अब बचा “ताजे फल बचे जाते है | ” दूसरा गहराक बोला “हम जानते है की तुम ताज़ा ही फल बेच रहे हो, सड़े हुऐ थोड़ी बेच रहे हो | इसलिए इस वाक़्या से ताज़ा शब्द मिटा दो |” फलवाले ने ताज़ा शब्द भी मिटा दिया और अब बोर्ड पर बच जाता है “फल बचे जाते है |” तीसरा आदमी आया और कहनें लगा, “या फल बचे जाते है क्यों लिखा है? हमे मालूम है की तुम बाज़ार में फल बेच रहे हो, मुफ्त में थोड़ी ही बाट रहे हो। ” चलो बचे जाते है को मिटा दो | बिचारे फलवाले ने जो बचे कूचे शब्द थे वो भी मिटा दिये | और अब बोर्ड खली हो गया | तब एक चौथा आदमी वह आया और बोला “इतना अच्छा बोर्ड हैं कुछ लिकते क्यों नहीं हो | “
वो गणा हैं ना
इसलिए हरे हूए की सलाह, और जीते हूए का तज़ुर्बा सुने लेकिन दिमाग लड़ायी खुद का | डरिये मात हम गलती कर बैठे तो क्युकी हम गलतियो से ही तो सीख ते है | गलतियों से ही तो खुदका तज़ुर्बा आएगा |
दोस्तों, अगर किसान बारिश ना होने पर ये कहे की मेरी किस्मत ख़राब है इसलिए मैं खेत नहीं जोतूँगा तो किस्मत बदल जाएगी और बारिश आएगी तो फसल के लिए खेत तैयार नहीं होगा | हम भी मानते है की अपना वक़्त कई बार ख़राब चल रहा होता हैं, लईकिन एक बात पता हैं
अपने दिल के सरे अरमान अपने हिसाब से थोड़ी हे ना पूरे होते हैं |
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