दोस्तों, उन्नति का द्वार खोलने के लिए बस एक चाबी की जरूरत होती है । वह चाबी है- ज़िम्मेदारी । जब आप ज़िम्मेदारी स्वीकार करते हैं तब आप अपने सफलता का द्वार खोल रहे होते हैं । ज़िम्मेदारी कबूल करने वाला व्यक्ति कभी भी हाथ-पर-हाथ धरे नहीं बैठता, वो कभी भी इस इंतजार में नहीं बैठता कि बिना कुछ किये उसकी जिंदगी बेहतर हो जाएगी। ज़िम्मेदारी उठाने वाला व्यक्ति अपनी तक़दीर खुद लिखता है, वह अपने काम को ईमानदारी के साथ पूरा करता है जिससे उसे Satisfaction और ख़ुशी दोनों मिलती है। हम सब अपनी लाइफ में बहुत सारी गलतियाँ करते हैं लेकिन जो व्यक्ति अपनी ज़िम्मेदारियाँ समझता है या Responsibility लेता है, वो अपनी गलतियाँ कभी भी दूसरों पर नहीं थोंपता, किसी दुसरे पर Blame नहीं डालता, बल्कि अपनी गलतियाँ कुबूल करता है, और उन्हें कभी न दुहराने की सीख लेता है। इस दुनिया में जितने भी Negative लोग हैं और जो अपनी जिम्मेदारियों से पीछा छुड़ाते हैं, उनके साथ जब भी कुछ बुरा होता है तब वे दूसरों पर ही इल्जाम लगाते हैं । ज्यादातर लोग कुछ अच्छा होने पर तुरंत Credit ले लेते हैं मगर बहुत कम लोग ही ऐसे होते हैं जो खुद से गलती होने पर अपनी ज़िम्मेदारी Accept करते हैं।

अपनी Responsibility समझने वाला व्यक्ति कभी भी दूसरों पर इल्जाम नहीं लगाता । आपने बहुत से लोगों को देखा होगा जब वे खुद के साथ कुछ भी गलत हो जाने से दूसरों पर जैसे –अपने माता-पिता, दोस्तों, भगवान, रिश्तेदारों, ग्रह-नक्षत्र, गुरू, भाग्य इन सबको ब्लेम करने लगते हैं । ऐसे लोग बहुत खतरनाक होते हैं क्योंकि ये लोग हर काम में शॉर्टकट की तलाश करने वाले होते हैं । यदि उन्हें सफल होना है तो वो कोई शॉर्टकट की तलाश करेंगे, बस मन में ही बड़े-बड़े सपने बुनते नजर आएँगे लेकिन जब उन्हें कुछ करने के लिए कहा जाएगा तब इसके लिए वो न कोई स्टेप लेंगे या अपनी ज़िम्मेदारी को समझेंगे ।

ज़िम्मेदारी कबूल करने वाला व्यक्ति सिर्फ सपने नहीं देखता, उन सपनों को जीता है, उन्हें पूरा करने के लिए दिन-रात एक कर देता है । लेकिन जो अपनी Responsibility नहीं समझते वो बस शिकायत करते और किसी कोने में बैठे रोते हुए नजर आते हैं या गली-मुहल्ले में Time Pass करते दिख जाते हैं । हम तभी इस देश का एक अच्छा नागरिक बन सकते हैं जब हम अपना बोझ खुद उठाने के लिए तैयार हों ।

जब हमें कोई काम सौंपा जाता है और हम उसे किसी दुसरे को करने के लिए कहते हैं, वो दूसरा किसी तीसरे को और वो तीसरा किसी चौथे को, तब वह काम बस गोल-गोल घूमता रहेगा, न कभी पूरा हो पाएगा और न ही वो लोग कभी सफल हो पाएँगे जो अपनी ज़िम्मेदारी दूसरों के कन्धों पर ही डालते नजर आएँगे । यदि आप महान बनना चाहते हैं तब अपनी ज़िम्मेदारी की कीमत को समझें । अपना बोझ खुद उठाने के लिए तैयार रहें न कि दूसरों पर ब्लेम डालते नजर आएं । एक अच्छा इंसान कभी भी अपने कामचोरी या निकम्मेपन से अच्छा नहीं बनता बल्कि अपनी Responsibility समझने से बनता है ।

दोस्तों हमें अपनी ज़िम्मेदारी को समझना होगा, ईमानदारी के साथ अपना काम करते हुए आगे बढ़ना होगा, जब हम ज़िम्मेदारी उठाएंगे तभी हम आगे बढ़ पाएंगे । हर व्यक्ति जब अपनी ज़िम्मेदारी को समझेगा, जब दूसरों पर गलतियाँ थोंपना बंद करेगा तभी हम और हमारा देश आगे बढ़ेगा ।

जब देश का हर नागरिक, ज़िम्मेदारी का बोझ अपने कन्धों पर उठाने के लिए तैयार होगा तब हमें आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता ।

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Authored By

The Keen Writer

The Keen Writer

Monideepa Mrinal Roy has a Master's degree in French language and literature. She is a passionate reader. She is multilingual. She gives expression to her thoughts and views through the print media. She is the founder cum editor at Storymet.com .

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